हारे का सहारा है, कश्ती का किनारा है
मेरे श्याम तुम बिन नहीं, जीवन का गुज़ारा है
अपनों ने ठुकराया, कोई ना नजर आया
अश्को की सुनी फरियाद, तू दौड़ा है आया
मेरी किस्मत का श्यामा, चमकाए सितारा है
मेरे श्याम तुम बिन नहीं जीवन का गुज़ारा है
खुशियों की माला के, बिखरे मोती सारे
चुन कर हर इक मोती, बाबा ने ही संवारे
रहमत का चारो ओर, अब दिखता नज़ारा है
मेरे श्याम तुम बिन नहीं जीवन का गुज़ारा है
मौजो की ना थी तरंग, जीने की ना थी उमंग
सतरंगी दुनिया में, ये जीवन था बेरंग
कीर्ति को पग-पग पे, तूने ही संभाला है
मेरे श्याम तुम बिन नहीं, जीवन का गुज़ारा है
हारे का सहारा है कश्ती का किनारा है
मेरे श्याम तुम बिन नहीं जीवन का गुज़ारा है
Writer- Kirti Pahuja
9340721316