तर्ज: कर दो कर दो बेड़ा पार, राधे अलबेली सरकार,
रे बन्दे क्यों घबराता यार, श्याम से कर ले बाते चार,
श्याम से कर ले, बाते चार-2
रे बन्दे क्यों घबराता यार, श्याम से कर ले बाते चार,
अपने श्याम से विनती करने, बड़ी दूर से आया है ।
आँख में आँसू, पाँव में छाले, मन में मुरादे लाया है ।
हाँथ को जोड़ के बारम्बार, श्याम से कर ले बाते चार ।।
रे बन्दे क्यों घबराता यार, श्याम से कर ले बाते चार,
श्याम घणी मेरा खाटू वाला, सबके दुखड़े दूर करे ।
पूरी करें ये मन की मुरादे, भण्डारे भरपूर भरे ।।
मन की जाने श्याम दातार, श्याम से कर ले बाते चार I
रे बन्दे क्यों घबराता यार, श्याम से कर ले बाते चार,
कोई खिलावे लड्डू-पेड़ा, मेवा कोई खिलाता है ।
भाव का भूखा, सेठ सांवरा, खीचड़ भी खा जाता है ।।
सबके भाव करे स्वीकार, श्याम से कर ले बाते चार ।
रे बन्दे क्यों घबराता यार, श्याम से कर ले बाते चार,
श्याम भरोसे जीवन कर ले, जीवन सुखी बना देगा ।
श्याम धनी दातार ये विष्णु भव से पार लगा देगा ।।।
इनके हाँथ सौप पतवार, श्याम से कर ले बाते चार ।
रे बन्दे क्यों घबराता यार, श्याम से कर ले बाते चार,
लेखक: विष्णु कुमार सोनी, कानपुर