जीमो जीमो सालासर हनुमान भगत ल्यायो चूरमो,
कईया ने भायो खोपरों कईया ने भायो सिरों,
भायो कईया ने छप्पन पकवान थाने तो भायो रे चूरमो
भांत भांत का मेवा घाल्या घाल्यो देसी घी,
पड़ग्या पड़ग्या फीका सगळा मिस्ठान
अईया को बणायो चूरमो....
थे मन की आस पुगाई जी थारी सवामणी करवाई जी,
राखो टाबरा को थे तो सदा मान ल्याकार चढ़ायो चूरमो
बल बुद्धि का भंडार बालाजी थे हो तारणहार,
सरल चरणा में रवे नित ध्यान लख्खा ने गायो चूरमो