ऐसी पिलाई साकी, कुर्बान हो चुके हम
अब तक रहे जो बाकी, अरमान खो चुके हम
करते हो दिल्लगी तुम, अव्वल बनाके पागल
कूचे में तेरे आकर, बदनाम हो चुके हम
पहला ही जाम भरकर, ऐसा हमे पिलाया
सारी अक्ल हुनर खो, नादान हो चुके हम
बिल्कुल नही रहे अब, दुनिया के काम के कुछ
बस अब तो तेरे दर के, मेहमान हो चुके हम
रहती हवस ये दिल मे, भर भर के जाम पियें
इनकार तुम ना करना, इकरार कर चुके हम
भजन गायक
(मनीष अनेजा जी)