कर मन पे अधिकार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले तेरा हो गया भजन,
दिल में भरा है छलकपट होंठो पे प्रभु का नाम,
कैसे तुम्हारे दुख में प्रभु जी आंएगे काम,
दिल से प्रभु को पुकार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले.......
इस जग में रह के प्राणी जग वालो को न भूल,
कांटा ना बन चमन में बनना तू बन जा फूल,
इसे मन में तू उतार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले.......
जिस हाल में है प्राणी उस में गुजर तू कर,
जितना मिला प्रभु से उस में सब्र तू कर,
इच्छायों को निवार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले......
सारे कुकर्म त्याग दे फिर देख ले असर,
रखते है कैसे ईश्वर मन पे नजर
भक्ति में मन को सवार ले तेरा हो गया
आदतें बुरी सुधार ले........