ओ जी ओ पाबूजी थोरी केसर घूघरिया या गमक्कावे ओ पाबूजी,
आ तो भगतों रे हित कारणे ,
पाबूजी भुरजाला थे हो भगतों र रखवाला.....
ओजीओ पाबूजी सुता सुख भर महलो नींद आ पाबूजी,
गोंडी केसर ने रमाई थे तो साथ मे,
देवल रे घर जावे पाबु केसर ले कर आवे,
ओजीओ पाबूजी जावो अमर कोट रे मोय ओ पाबूजी,
संग सोढ़ी रे राणी सु रच्यो ब्याव जी ,
गाया खिंची गेरी पाबु देवल दौड़ी आई,
ओजीओ पाबूजी जावो गायो वाली वॉर ओ पाबूजी,
थे तो धर्म निभायो देवल बहन रो,
गाया पाछी लावो पाबु टोगड़िया मिलावो,
ओजीओ पाबूजी गुण नेनु रे देवासी थोरा गावे ओ पाबूजी,
कोई कोलूमण्ड में आयने ,
सरणे माने लीजो पाबु दर्शन माने दिजो,