हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
मेरा कोई नहीं बिन तेरे, नन्दलाल सांवरियां मेरे,
हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
हे गोविन्द .... हे गोपाल ....
जितना दिया सरकार ने, उतनी मेरी औकात नहीं,
ये तो कर्म हैं मेरे दाता का, मुझमें कोई ऐसी बात नहीं.
गोपाल ....
पूजा का अधिकार दे दिया, मैं वरदान और क्या मांगू,
जीवन दान दे दिया तूने, अब तुझसे दान और क्या मांगू,
मैं अब अपनी साँस साँस में, तुझको बन्दी कर लेता हूँ,
आंसू अब तेरे दर्शन से, आँखें अपनी भर लेता हूँ,
जितना ध्यान यही क्या कम हैं,
हे अखिलेश्वर हे हे जोगेश्वर, हे साथ देना न मात-पिता
जितना ध्यान यही क्या कम हैं, अब सम्मान और क्या मांगू,
जीवन दान दे दिया तूने, अब तुझसे दान और क्या मांगू,
कृष्ण हे... कृष्ण प्यारे ....
सुध ना नहीं अब पागल मन को, कहाँ गगन और कहाँ अवानी हैं,
लीन कर कर दिया तूने इतना, हर ध्वनि में तेरी कर ध्वनि हैं,
जता दिया तूने अपने आप, अब अनुसन्धान क्या मांगू,
जीवन दान दे दिया तूने, अब तुझसे दान और क्या मांगू,
हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
मेरा कोई नहीं बिन तेरे, नन्दलाल सांवरियां मेरे,
हे गोविन्द .... हे गोपाल ....
रूप ये राशी ये कहाँ मिलेगी, विश्व मोहन हे जनार्दन,
रूप ये राशी ये कहाँ मिलेगी, कौन यहाँ हैं तुझसा सुन्दर,
मेरी आँखों में तो तेरा, तोड़ नहीं कोई धरती पर,
तन मन धन जीवन बलि तुझ पर, अब बलिदान और क्या मांगू,
पूजा का अधिकार दे दिया, मैं वरदान और क्या मांगू,
अचरज आज स्वयं हैं मुझको
ये सब तुम्हारा कर्म हैं आका, कि अब तक बनी हुई हैं,
अचरज आज स्वयं हैं मुझको, तेरी करुणा की उड़ान पर,
सकल कामना मिटा दी तुमने, हर दम मन हैं असमान पर,
प्रीत प्रतीति जगा दी तुमने
हे प्रेम देव ...
प्रीत प्रतीति जगा दी तुमने, अब उत्थान और क्या मांगू
पूजा का अधिकार दे दिया, मैं वरदान और क्या मांगू,
हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
हे गोविन्द .... हे गोपाल ....
प्यारे दुनिया के देने वाले और एक तेरे देने में कितना अन्तर हैं,
जो एक पैसा भी देता हैं जता देता हैं, और लेने वाला भी उसे लाख दुआ देता हैं,
लेकिन ये दाता जो सबकी झौलिया रहता भरता हैं,
क्या ताजुब हैं कि वो ना अपना पता तक देता हैं,
मांग मांग कर देखा मैंने, केवल प्यास बढ़ी जाती हैं,
एक प्यास मिट सकी ना तब तक, एक प्यास फिर बढ़ जाती हैं,
इतने से ही परेशान हूँ, मेरे प्राण और क्या मांगूं
जीवन दान दे दिया तूने, अब तुझसे दान और क्या मांगू,
हे दशोवेध्य ये अनंत प्रेमानव
लगन लगी, तोसो लगन लगी,
लगन लगी अब जन्म जन्म तक बस तुझसे ही प्रीती निभाऊं,
देना हैं तो उतना दे, फिर ना माँगना कुछ कुछ चाहूं
उसे पा लिया तो सब कुछ हैं,
हे जगत नियन्ता हे त्रिभुवन पति....
उसे पा लिया तो सब कुछ हैं, मैं अनजान और क्या मांगूं,
पूजा का अधिकार दे दिया, मैं वरदान और क्या मांगू,
हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
मेरा कोई नहीं बिन तेरे, नन्दलाल सांवरियां मेरे,
हे गोविन्द .... हे गोपाल ....
एक मैं कभी शुक्रिया ना किया, एक तुम हो जो रहमत किये जा रहें,
एक मैं हूँ खता पे खता कर रहा, एक तुम हो जो माफ़ी दिये जा रहें,
मैंने माना कि मैं तो गुनाहगार हूँ, गुनाहगार हूँ, मैं खतावार हूँ,
काम नेकी का कोई किया ही नहीं, आप फिर भी सहारा दिए जा रहें,
कोई तेरे दर से सवाली फिरा ना, सवाली जो आया वो खाली फिरा ना
एक मैं हूँ सदा मांगता ही रहा, एक तुम हो जो मांगा दिए जा रहें,
आप से प्राण प्रीतम शिकायत क्या, आप करुणा पे करुणा किया जा रहें,
एक मैं कभी शुक्रिया ना किया, एक तुम हो जो रहमत किये जा रहें,
हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
हे गोपाल .....
हे गोपाल सांवरिया मेरे, नन्दलाल सांवरिया मेरे,
पूजा का अधिकार दे दिया, मैं वरदान और क्या मांगू,
by DNS Dayanand Sharma