कहां जाओगे बांके बिहारी,
होली होगी हमारी तुम्हारी ।
आगे आगे हैं बांके बिहारी,
पीछे पीछे है राधा गोरी ।
जाने दूंगी ना तुमको मुरारी,
होली होगी हमारी तुम्हारी ॥
इक तरफ तो है राधा की टोली,
दूजी और तो काहना की टोली ।
यहाँ दो दो चलेंगी पिचकारी,
होली होगी हमारी तुम्हारी ॥
गर भागोगे जाने ना दूंगी,
गलिओं में तुम्हे घेर लुंगी ।
तेरे गुल्चे पे मारू पिचकारी,
होली होगी हमारी तुम्हारी ॥
पीताम्बर तेरा छीन लुंगी,
साड़ी मैं तुझे पह्नाउंगी ।
तुझे नर से बना दूंगी नारी,
होली होगी हमारी तुम्हारी ॥