तेरी नगरी में आये गियो श्याम बाबा इब मेहर करो,
मेरा दुःख गियो दोनों पाओ बाबा इब मेहर करो,
फागुन आवे जी ललचावे,
खाटू जावा मन में आवे,
तेरा दर्शन ने छोड़ आयो काम,
बाबा इब मेहर करो,
खाटू नगरी लागे प्यारी,
दर्शन ने जावे नर नारी,
तेरा टाबरिया दे थोड़ो आराम बाबा इब मेहर करो,
नया नया शृंगार सजावे,
भक्त की नैया पार लगावे,
मैं बालक हां नादान,
बाबा इब मेहर करो,
दर्श कर या बिन रहा ना जावे,
राजा कहे भव पार लगावे,
बस माँगा है यो ही वरदान,
बाबा इब मेहर करो,