नित खैर मांगा सोहनीय मै तेरी दुआ न कोई होर मंगदी,
तेरे पैरा च आखिर हो मेरी,
तू मिलिया ते मिल गई खुदाई वे,
हाथ जोड़ रखा पावी न जुदाई वे,
मर जावा गी मैं जे आंख मेतो फेरी,
तेरे पैरा च आखिर हो मेरी..........
तेरे प्यार दिता जदो डा सहारा वे,
ओ माहिया भूल गया मेनू जग सारा,
ख़ुशी एहो मेनू सजना बथेरी,
तेरे पैरा च आखिर हो मेरी..........
पावा वसता के इकली छड़ जाई ना
हस्सा किते मेनू जग दा बनाई ना,
मर जावा गी जे आंख मेतो फेरी,
नित खैर मांगा .........