नि मैं गोविन्द गोपाल गौन्दी फिरा,
प्यारे मोहन नु रिजांदी फिरा
तेरे उतो दिता है जहान सारा वार वे,
प्रेम निभाभी मेरे कृष्ण मुरार वे,
देखि घोटे न मैं किते खांदी फिरा,
प्यारे मोहन नु रिजांदी फिरा,
नि मैं गोविन्द गोपाल गौन्दी फिरा
तेरे पीछे कन्धा नाल रोवा लग लग के,
कमली मेनू कहंदा है एह सारा जग वे,
मैं ता हंजुया नु अपने लकोंदी फिरा,
प्यारे मोहन नु रिजांदी फिरा,
नि मैं गोविन्द गोपाल गौन्दी फिरा
किना चिर तडपे गी जिन्दगी निमानी वे,
किनी देर सुनेगा न दुखा दी कहानी वे,
मैं ता तेरे ही शगन मनादी फिरा,
प्यारे मोहन नु रिजांदी फिरा,
नि मैं गोविन्द गोपाल गौन्दी फिरा