तेरी शरण हम आ गए बाबा किरपा करो
भटके हुए राही थे हम अब तो दया करो
तेरी नजर पड़ी तो हम आये है द्वार पर
किस्मत सवार दो प्रभु कर दो जरा मैहर
हम आप के चरणों में है संकट सभी हरो
भटके हुए राही थे हम अब तो दया करो
बादल गमो के छाए है कितनी है मजबुरिया,
जीवन बड़ा कठिन हुआ ऐसी दुशवारिया
हाथो को एक बार ही हमारे सिर धरो
भटके हुए राही थे हम अब तो दया करो
जिस पे हुआ कर्म तेरा वो खुश नसीब है
जिस को तू चाहे प्रभु वो तेरे करीब है
चोखानी के अंतर में भी भगती का रस भरो
भटके हुए राही थे हम अब तो दया करो