श्याम की अदालत में अर्जी जो लगता है,
हारी हुई बाजी भी वो प्राणी जीत जाता है,
जो आ गया सँवारे की शरण में,
हारा कभी ना वो जीवन के रण में,
पग पग पे वो जीत ही पाता है,
श्याम की अदालत अर्जी जो लगता है
है जिसके संग तीन बानो का धरी,
उसका बिगाड़े गी क्या दुनिया सारी,
जिसके मेरे श्याम से नाता है,
श्याम की अदालत अर्जी जो लगता है
हां ये अदालत सबसे बड़ी है,
दुनिया यह सिर झुकाये खड़ी है,
संदीप सबको ये समजता है,
श्याम की अदालत अर्जी जो लगता है