फागण मेला श्याम का

आवा जी आवा थारे फागण मेले संवारा ,
मेले में म्हाने तो बुलाया सरसी,
थारा बिना न मन लागे म्हारो संवारा,
अखिया न दर्शन थारा दिया सरसी,
आवा जी आवा थारे फागण मेले संवारा ,

फागण मेलो म्हारे मंडे न भावे,
काइयाँ न उह बिन आया जी,
उत्सव त्यौहार जाइए कोई मनावे,
म्हारे चाव चढ़ जावे जी,
कब से निहारु मैं तो आवन की आस में,
फागण मेले में बुलाया सरसी,
आवा जी आवा थारे फागण मेले संवारा ,

सज रही थारी खाटू नगरियां,
कतारे लगी है लम्भी भगता री,
फागण ग्यारस पावन बड़ी है किस्मत वाला पावे दर्शन जी,
तीन लोक में न ऐसे रंग बरसे,
फागण मेले में बुलाया सरसी,
आवा जी आवा थारे फागण मेले संवारा ,

फागण मेले में दुनिया आवे माहने भी दर पे बुला जो जी,
कब से दीवाना थारा जी मैं तो,
सारो जीवन थाने संभालो जी,
थे ही तो जाने राकेश हिवड़े की बात रे,
फागण मेले में बुलाया सरसी,
आवा जी आवा थारे फागण मेले संवारा ,
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