काहा दुंडे मैं जाऊ मेरी माँ खो गई

जाने जग वाले मेले में कहा खो गई,
मुझे छोड़ के अकेले में कहा वो गई,
काहा दुंडे मैं जाऊ मेरी माँ खो गई
जाने जग वाले मेले में कहा खो गई,

जिसे ढूंडता था मैं वो मुझे ढूंड ती भी  होगी
मेरा लाल है कहा वो सबसे पूछ ती भी होगा
मैं रोता हु तो मेरी माँ की पलके भी नम होंगी
रब जाने माँ बेटे की ये फिकरे कब कम होंगी
सांसे  कैसे चलेगी अगर जान खो गई
काहा दुंडे मैं जाऊ मेरी माँ खो गई

आओ तुम्हे मैं बताऊ अपनी माँ की निशानी
सो सो चांदी जैसे चमके ऐसा मुखड़ा नुरानी
आसमान से उतरी हो  जैसे परियो की रानी
एक  हजारो में वो सूरत दूर से जाए पहचानी
लाई मुझे जो याहा पे  वो ही यहाँ खो गई
काहा दुंडे मैं जाऊ मेरी माँ खो गई

मेरे छोटे छोटे पाओ कोई छतरी न छाओ
ऐ दिश्याओ  एह  हवाओं मुझे कुछ तो बताओ
जो मेरी माँ को ढूंढे गा  दूंगा उसे इनाम मैं
जब  तक  सांस चलेगी उसका बन रहूगा गुलाम मैं
मैंने की थी जो पूंजी  जमा खो गई
काहा दुंडे मैं जाऊ मेरी माँ खो गई
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