हम करै छि विनती आहाँ के माँ,
ये सुधैर दिय हम्मर मती,
माँ सरस्वती माँ सरस्वती....
बाम अंग विणा धारे छी,
कर पुस्तक माला राखे छी,
सोभे सवारी हंस के,
श्रुति ज्ञान विस्व अधी पति,
माँ सरस्वती माँ भगवती....
देव वृन्द सीस नवाबइये,
सब मोन में बास करै छी ये,
करुणा मई भव तारिणी,
दिय ज्ञान हमरो भगवती,
माँ सरस्वती माँ भगवती....
घट घट में आहाँ के बॉस छै,
सृष्टि में आहाँ के राज छै,
सेवक बनल प्यासा सदा,
दूर क दिय माँ कुमति,
माँ सरस्वती माँ भगवती....