सारे गाव से दूध मंगाकर पिंडी को नेहला दो,
भोले को नेहला दो मेरे शंकर को नेहला दो,
आया बाबा का त्यौहार आया शिव रात्री का त्यौहार आया,
महारात शिव रत्री की महिमा जो नर नारी गावे,
व्रत पूजा परिवार सहित कर सखल पदार्थ पावे
धूप दीप बेला पात्र से बाबा को संवारो
शंकर जट्टा जुट गंगाधर हे गौरीश पुकारो,
आया बाबा का त्यौहार अया शिव रत्री का त्योहार आया
भोले दया के सागर अपनी पुरे गोर कर दे सपने,
तन मन सब अर्पित तुम पर कर दो प्राण दिए है उसने
सुबहा शाम बाबा दर आकर मन मंदिर सवारू
श्रद्धा पूरक भक्ति भाव से शंकर को पुकारू
आया बाबा का दोहर अया शिव रत्री का तैर आया
सारे गाव से दूध मंगाकर पिंडी को नेहला दो,
भोले को नेहला दो मेरे शंकर को नेहला दो,
आया बाबा का त्यौहार आया शिव रात्री का त्यौहार आया,