जब मुशकिल पड़ी बाबा तू याद बहुत आया
सारी दुनिया छोड़ के मैं खाटू धाम चला आया,
ये दुनिया मतलब की कोई मेल नही करता
मतलब के लिए अपना बस अपना मेल जोल रखता
तेरा प्रेम है निछल जिसे पाने मैं आया
सारी दुनिया छोड़ के मैं खाटू धाम चला आया,
तेरे चरणों को पाऊ तू दास बना लेना
तुम भगती में अपनी मुझे श्याम डूबा देना
बहे गंगा दर पे तेरे पाप धोने मैं आया
सारी दुनिया छोड़ के मैं खाटू धाम चला आया,
श्याम बहादुर की नगरी संजू विनती करता,
ले चल राजू मुझको अब जी नही लगदा,
जरा आया श्याम धनि गुण तेरा ही गाया
सारी दुनिया छोड़ के मैं खाटू धाम चला आया,