है कितनी तड़प मिलने को तुम्हारी तुम्हे कैसे बताऊँ
तुमको मिले बिन अब तो कन्हैया मैं तो रह नहीं पाऊं
दर्शन को नैना बेक़रार श्याम दर्शन को नैना बेक़रार
खाटू आने को मन बड़ा तरसे
अब तो बुला लो एक बार.............
हारे हुओं का एक सहारा बाबा श्याम हमारा
बाल भी बांका होव न उसका जिसको तुमने संवारा
विनती सुनो न सरकार श्याम विनती सुनो न सरका
खाटू आने को मन बड़ा तरसे
अब तो बुला लो एक बार.............
कैसे कटे दिन कैसे गुज़री मैंने रातें वो काली
तुम ही भरोगे लाऊंगा बाबा मेरी झोलीहै खाली
तुमपे तो पूरा एतबार श्याम तुमपे तो पूरा
खाटू आने को मन बड़ा तरसे
अब तो बुला लो एक बार.......