कुछ दे या ना दे श्याम इस अपने दीवाने को,
दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को
नरसी ने बहाए थे मीरा ने बहाए थे,
जब जब भी कोई रोया तुम दौड़ के आये थे,
काफी है दो बूँदें घनश्याम रिझाने को,
दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को
आंसू वो खज़ाना है क़िस्मत से मिलता है,
इनके बह जाने से मेरा श्याम पिघलता है,
करुणा का तू सागर है अब छोड़ बहाने को,
दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को
दुख में बह जाते हैं ख़ुशियों में जरुरी है,
आंसू के बिना संजू हर आँख अधूरी है,
पूरा करते आंसू हर इक हरजाने को,
दो आंसू तो दे दे चरणों में बहाने को