ये सारे खेल तुम्हारे हैं जग कहता खेल नसीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का.....
तेरी दीन सुदामा से यारी, हमको ये सबक सिखाती है,
धनवानों की ये दुनियाँ है पर तू निर्धन का साथी है,
दौलत के दीवाने क्या जाने, तू आशिक सदा गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का......
तूने पत्थर से बाहर आकर धन्ना का रूप दिखाया था,
तूने हाली बन धन्ना के खेतों मे हाल चलाया था,
मैं वारी जावाँ, साहब जी ना दियाँ मन्ने ने,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का......
नरसी ने दौलत ठुकरा कर तेरे सा बेटा पाया था,
तूने कदम कदम पर कान्हा बेटे का धर्म निभाया था,
तेरे इसी अदा से जान गया तू है करतार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का.....
प्रभु क्षमा करो रोमी सबको, तेरी राज की बात बताता है,
तू सिक्के चांदी के देकर. हमें खुद से दूर भगाता है,
कोई माने या प्रभु ना माने, तुझको ऐतबार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का.......
हमको तुमको तुमसे मांगते हैं, तेरी यी बाजी जीतेंगे,
तेरे चरणों में रोमी के अब दिन साँवरिया बीतेंगे,
हम दीन हीन दुखियारे हैं और दातार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू मैंने सुना तू यार गरीबों का,
मैं वारी जावाँ, साहब जी ना दियाँ मन्ने ने………