भोले की धूम

सामण महीना आया है धूम भोले की मची है
भोले की मची महादेव की मची है
शम्भू की मची है भोले नाथ की मची है
भक्तो पे रंग भी छाया है , धूम भोले की मची है
सामण महीना आया है धूम भोले की मची है……

सब मिल बोले शिव के जयकारे धरती अम्बर रहे गुंजारे
सब का मन इतराया है धूम भोले की मची है
सामण महीना आया है धूम भोले की मची है……

जगह जगह ते काँवड़ लावे गंगा जल भोले पे चढ़ावे
मन्दर खूब सजाया है रे धूम भोले की मची है
सामण महीना आया है धूम भोले की मची है……

सबके है शंकर त्रिपुरारी इनका एक भरोसा भारी
फैली इनकी माया है धूम भोले की मची है
सामण महीना आया है धूम भोले की मची है……

मौका आया नही गवाओ सावन में शिव के गुण गाओ
भूलन ने शिव गुण गया है धूम भोले की मची है
सामण महीना आया है धूम भोले की मची है……
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