शिव त्रिपुरारी भोले भंडारी,
तुम कैलाशी हो, घट घट वासी हो॥
देवो के महादेव कहाते,
दुखियों के साथी हो, घट घट वासी हो,
शिव त्रिपुरारी भोले भंडारी,
तुम कैलाशी हो, घट घट वासी हो॥
तीनो लोको में डंका बाजे,
भोले तुम अविनाशी हो, घट घट वासी हो,
शिव त्रिपुरारी भोले भंडारी,
तुम कैलाशी हो, घट घट वासी हो॥
शिव वरदानी औघड दानी,
बसते काशी हो, घट घट वासी हो,
शिव त्रिपुरारी भोले भंडारी,
तुम कैलाशी हो, घट घट वासी हो॥
शिव के नाम का सुमिरन प्यारा,
दूर उदासी हो, घट घट वासी हो,
शिव त्रिपुरारी भोले भंडारी,
तुम कैलाशी हो, घट घट वासी हो॥