शिव शंकर भोले भाले, भोले भक्तो के रखवाले ।
तुम को लाखों प्रणाम, तुमको मेरा प्रणाम ॥
तुमने यह संसार बनाया, सभी तुम्हारी माया छाया ।
सर्पों की माला वाले, कैलाश पर्वत वाले,
तुम को लाखों प्रणाम, तुमको मेरा प्रणाम ॥
तुम जल थल में तुम अम्भर में, तुम हो नगर नगर घर घर में ।
तुम हो लहर लहर स्वर स्वर में, कहाँ नहीं तुम हो जग भर में ॥
डमरू के बजने वाले, दुष्टों को मिटाने वाले ।
तुम को लाखों प्रणाम, तुमको मेरा प्रणाम ॥
हर हर हर महादेव का नारा, नर नारी घर घर का प्यारा ।
दीप तुम्हारा तेल तुम्हारा, दुनिया का सब खेल तुम्हारा ॥
हे खेल खिलाने वाले, त्रिभुवन की नचाने वाले ।
तुम को लाखों प्रणाम, तुमको मेरा प्रणाम ॥