मेरे श्याम चले आओ, तेरी याद सताती है,
बिरहा की अग्नि मेरे दिल को जलाती है....
आँखों में आई लाली मैं समझी रोग लगा,
मैं कमली क्या जानू ये श्याम का नूर आया
मेरे श्याम चले आओ.....
दिल धधक करने लगा, मेरी सांसों ने नाम जपा,
श्याम-श्याम गाने लगा, मोहन सब जान गया
मेरे श्याम चले आओ.....
इकतारा ले बैठूँ और मीरा बन जाऊँ,
पर शक्ति नहीं इतनी प्याला जहर का पी जाऊँ
मेरे श्याम चले आओ......
मुझे समझ मेरे दाता, मैं अबला नार आई,
चरणों में जगह दे दो मैं घर बार छोड़ आई
मेरे श्याम चले आओ, तेरी याद सताती है,
बिरहा की अग्नि मेरे दिल को जलाती है........