कान्हा मेरे मोहन मेरे राधा तेरी रोती है
दिन रात न सोती है,
तुम गए मथुरा जब से तेरी याद सताती है,
और तेरे बिन मोहन मुझे नींद न आती है
चाहत नही जाती है दिन रात न सोती है
कान्हा मेरे मोहन मेरे राधा तेरी रोती है
दिन रात न सोती है,
तुम परसों की केह गए बीती तुम्हे है बरसो
क्यों भूल गए हम को तेरी यादों में तरसु
राधा ये बुलाती है दिन रात सोती है
कान्हा मेरे मोहन मेरे राधा तेरी रोती है
दिन रात न सोती है,
ये बिरहे बेदना है मुझको जलाती है ,
मेरे दिल में वसे हो तुम मुझे याद आती है ,
और लता ही रोती है दिन रात न सोती है
कान्हा मेरे मोहन मेरे राधा तेरी रोती है
दिन रात न सोती है,