सानू चिट्ठी आई ऐ

मैया दे द्वारे असीं जाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
रज रज दर्शन पाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
मैया दे द्वारे असीं जाना......

मंजिल वी दूर है जाना वी जरूर है,
चेहरे उते लालियां अखां च सरूर है....
अंग संग माई है सबदी सहाई है,
जीने वी बुलाया मैया दौड़ी दौड़ी आई है.....
पर्वता दे उत्ते है ठिकाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
मैया दे द्वारे असीं जाना......

मन्दिर निराला है सोहणी गुफा वाला है,
हर वेले खुल्ला रहन्दा न बुआ ताला है...
गंगा जी दा पानी है जोत नुरानी है,
ऊंचेया सिहांसना ते बैठी महारानी है....
दिल वाला हाल सुनाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
मैया दे द्वारे असीं जाना......

सोहणा दरबार हैं लीला अपार है,
मैया रूप विच बैठी आधक्वार है.....
शेर दी सवारी है अष्ट भुजाधारी है
शस्त्रा दे नाल सज्जी अर्धक्वांरी है
असां‌ जा के शीश झुकाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
मैया दे द्वारे असीं जाना...

मैया दे द्वारे असीं जाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
रज रज दर्शन पाना सानू चिट्ठी आई ऐ-2
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