माँ शेर पे चढ़ के आजा,
तेरे भक्त खड़े है गली गली।।
माँ कैसा जल है चढ़ाना,
तेरे पूछे भक्तजन गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आजा,
तेरे भक्त खड़े है गली गली।।
माँ कैसा दीप जलाये,
तेरी रोशन हो जाये गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आजा,
तेरे भक्त खड़े है गली गली।।
माँ कैसा भोग लगाए,
तेरी किरपा बरसे गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आजा,
तेरे भक्त खड़े है गली गली।।