हे नीलकंठ शिव कैलाशी,
तू मस्त देवता सन्यासी,
हे नीलकंठ शिव कैलाशी,
तू मस्त देवता सन्यासी,
डम डम डमरुँ बजता है,
रंग भांग का छा जाए,
छम छम......तू नाचे भोले,
मस्ती देव लोक में छा जाए……….
केवल नाम नहीं है भोला,
सचमुच मैं तू भोला सै,
ब्रह्मा विष्णु ने भी तेरा,
जयकारा नित बोला सै,
महिमा तेरी उमापति कोई जान नहीं पाए,
रै छम छम तू नाचे भोले,
मस्ती देव लोक में छा जाए…………
तेरे सिवा ना डंका भोले,
कभी किसी का बजता है,
कमल सिंह भी यो दास तेरा,
बम बम जपता है,
तेरे नाम की मस्ती ऐसी,
तू ही नज़र आए,
रै छम छम तू नाचे भोले,
मस्ती देव लोक में छा जाए........