सावन की ये रुत सुहानी,
रिम झिम गिरता पानी,
नाच रहे हैं नंदी बाबा,
नाच रहे भोले दानी ।
सावन की ये रुत सुहानी,
रिम झिम गिरता पानी,
नाच रहे हैं नंदी बाबा,
नाच रहे भोले दानी ।
भंग चढ़ा के चिलम जला के,
नाच रहे है भोले बाबा,
भस्मी रमा के.....
भोले मेरे भोले,
तेरे बिन कुछ ना यहां,
बाबा भोले बाबा तुम जहाँ,
हम हैं वहाँ,
कालों के काल हो तुम,
तुमने विष का है प्याला पीया,
जटा शंकर कैलाशी,
घट घट में है वास तेरा,
माथे पर चन्दन,
रुद्राक्ष माला,
हाथ लिए दानी,
नाच रहे हैं धरती अम्बर,
नाच रहे भोले दानी,
सावन की ये रुत सुहानी,
रिम झिम गिरता पानी,
नाच रहे हैं नंदी बाबा,
नाच रहे भोले दानी,
भंग चढ़ा के,
चिलम जला के,
नाच रहे है भोले बाबा,
भस्मी रमा के......