!! महेश वंदना !!
किस विधि वंदन करू तिहारो – ओढरदानी त्रिपुरारी
बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !! धृ !!
नयन तीन उपवीत भुजंगा, शशि ललाट सोहे सिर गंगा
मुंड माल गल बिच विराजत, महिमा है भारी...
बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !! १ !!
कर में डमरू त्रिशुल तिहारे, कटी में हर वाघंबर धारे
उमा सहित हीम शैल विराजत, शोभा है न्यारी.....
बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !! २ !!
पल में प्रभु तुम प्रलयंकर, पर प्रभो सदय उभयंकर
ऋषी मुनि भेद न पाये तिहारो, हम तो है संसारी....
बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !! ३ !!
अगम निगम तब भेद न जाने, ब्रम्हा विष्णु सदा शिव माने
देवो के ओ महादेव अब, रक्षा करो हमारी...
बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !! ४ !!
किस विधि वंदन करू तिहारो – ओढरदानी त्रिपुरारी
बलिहारी – बलिहारी – जय महेश बलिहारी !! धृ !!
स्वर - पलक मुछल