बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं।।
राम के रंग में रंगे है राम हिर्दय में बसे,
राम साँसों में बसे है दूसरा कोई दर नहीं,
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं।।
दुष्ट रावण को हराया सोने की लंका जलाई,
लंका को कर राख डाला दूसरा कोई दर नहीं,
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं,
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं।।
कष्ट भक्तो के मिटाते खुशियों से झोली भरे,
तेरे दर पे वो उजाला दूसरा कोई दर नहीं,
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं
बालाजी के दर के जैसा दूसरा कोई दर नहीं।।