अपने दिल में राम दिखाये सीना चीर के,
अजब अनोखे काम है मेरे हनुमत वीर के,
आई थी जब जिमेदारी माँ का पता लगावण की,
लंका जा कर पूछ के द्वारा फूंकी लंका रावण की,
किये होंसले प्रस्थ सभी योदा धरवीर के,
बड़े अजब अनोखे काम है मेरे हनुमत वीर के
चुरा ले गया राम लखन छ्ल करके जब अहि रावण,
पौंछ गये पाताल पूरी में हनुमान जी बिन साधान,
जीती जंग अकेले ने ही बिन समशीर के,
बड़े अजब अनोखे काम है मेरे हनुमत वीर के
भुटटी लेने द्रोणगिर में पहुंचे जब बजरंग बाला,
ना भुटटी पहचान सके तो पर्वत पूरा उठा डाला,
कहे अनाड़ी परम भक्त है ये रघु वीर के ,
बड़े अजब अनोखे काम है मेरे हनुमत वीर के