माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली॥
माँ आसन पर आ बैठ गई,
चरणों में दीप जलाया,
उजियारा हो गया गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली॥
माँ आसन पर आ बैठ गई,
मैंने प्रेम से चरण धुलाए,
गंगा जल हो गया गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली॥
माँ आसन पर आ बैठ गई,
मैंने माँ को तिलक लगाया,
रंग बिखर गए है गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली॥
माँ आसन पर आ बैठ गई,
मैंने ऐसी फूल चढ़ाया,
फुलवारी हो गई गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली॥
माँ आसन पर आ बैठ गई,
मैंने माँ को भोग लगाया,
भंडारा हो गया गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली॥
माँ आसन पर आ बैठ गई,
हम सबने भेटे गाई,
जगराता हो गया गली गली,
माँ शेर पे चढ़ के आई,
जयकारा गूँजे गली गली......