लगन आई हरे हरे,
लगन आई मेरे अँगना,
भोले बाबा फूले ना समाये॥
नंदी सज गए श्रृंगी सज गए,
सज गई सगरी सारी बारात,
भोले बाबा ऐसे सज गये, तीन लोक में नायें,
लगन आई हरे हरे,
लगन आई मेरे अँगना,
भोले बाबा फूले ना समाये॥
ब्रह्मा सज गये विष्णु सज गये,
सज गई सगरी बारात,
नारायण तो ऐसे सज गये, हीरा सो मुकुट सजाये,
लगन आई हरे हरे,
लगन आई मेरे अँगना,
भोले बाबा फूले ना समाये॥
भूत पिसाच ऐसे नाचे, कर सोलह श्रृंगार,
संत भक्त सब जय जय बोले, गूंज उठा कैलाश,
लगन आई हरे हरे,
लगन आई मेरे अँगना,
भोले बाबा फूले ना समाये......