मैं नहीं नचदी लोको मैनु माँ नचांदी ए,
मैं घुंगरू पाके नच्चा माँ खुश हो जांदी ए।।
शुकर मनाया नाले शगन मनाए ने,
माँ दे प्यारे माँ दा जागा करन आये ने,
जागदी ए माँ नाले सब नू जगांदी ए,
मैं घुंगरू पाके नच्चा माँ खुश हो जांदी ए।।
ना होवन वाले मेरे कम दित्ते कर माँ,
सतवीं च झोली मेरी अज्ज दित्ती भर माँ,
माँ सुक्के होये बुटिया ते फल लगांदी ए,
मैं घुंगरू पाके नच्चा माँ खुश हो जांदी ए।।
नच नच प्रेमी अज्ज धरती हिलाये,
संजय नु भी लिया मेरी माँ ने बुलाय,
दर्शी ते झंडेवाली मेहरा लुटांदी ए,
मैं घुंगरू पाके नच्चा माँ खुश हो जांदी ए........