ओ मेरी मईया, तेरी कबसे देखु बाट,
तू आजा मेरे जगराते में।।
मैंने तेरा भवन सजाया,
श्रद्धा से तुझको बुलाया,
ओ मेरी मईया, तेरी कबसे देखु बाट,
तू आजा मेरे जगराते में।।
मैंने भक्तों को भी बुलाया,
मैंने तेरा ध्यान लगाया,
ओ मेरी मईया, तेरी कबसे देखु बाट,
तू आजा मेरे जगराते में।।
मैंने तुझको ही अपना माना,
सारा जग लगता बेगाना,
ओ मेरी मईया, तेरी कबसे देखु बाट,
तू आजा मेरे जगराते में।।