भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो।।
गंगाधर शंकर करुणाकरा,
मामव भव सागर तारका,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो।
हर हर महादेव शम्भो,
हर हर महादेव शम्भो,
हर हर महादेव शिव शम्भो,
हर हर महादेव शिव शम्भो।
निर्गुण परब्रह्मा स्वरूप,
गमगमा भूत प्रपंच रहिता,
निज गुहा निहित नितान्ता अनंता,
अनंदा अतिशय अक्षय लिंगा,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो।
मतंग मुनिवरा वन्दित ईशा,
सर्वा दिगम्भर वेष्टिता वेषा,
नित्य निरन्तर नित्य नतेश,
ईशा सबेश सर्वेश,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो,
भो शम्भो शिव शम्भो स्वयम्भो..........