आया कार्तिक मास दीप तुलसा मैं जलाऊंगी....-3
जब तुलसा लक्ष्मी बन आई,
विष्णु जी के मन को भाई,
बन गई उनकी दुल्हनिया, दीप तुलसा मैं जलाऊगी,
आया कार्तिक मास दीप तुलसा मैं जलाऊंगी॥
जब तुलसा गौरा बन आई,
भोले जी के मन को भाई,
बन गई उनकी दुल्हनिया, दीप तुलसा मैं जलाऊगी,
आया कार्तिक मास दीप तुलसा मैं जलाऊंगी॥
जब तुलसा सीता बन आई,
रामा जी के मन को भाई,
बन गई उनकी दुल्हनिया, दीप तुलसा मैं जलाऊगी,
आया कार्तिक मास दीप तुलसा मैं जलाऊंगी॥
जब तुलसा राधा बन आई,
कान्हा जी के मन को भाई,
बन गई उनकी दुल्हनिया, दीप तुलसा मैं जलाऊगी,
आया कार्तिक मास दीप तुलसा मैं जलाऊंगी॥