माँ बाप ने अपनी कमाई बच्चो पे लुटाई
अपना निवाला वो छोड़ भूख सबकी मिटाई.....
दुनिया में आया है तो किसके पीछे आया है,
माँ ने अगर ये सोचा जनम तूने पाया है,
अब सोच ले तू एक बार उपकार किया है......
कहा है ये हमने सभी से माँ ही एक रचैया है,
पिता के ना जैसा कोई और ना खिवैया है,
जीवन भी दिया है उधार उसका क़र्ज़ चुका ले.........
कहती है भारती जग से माँ के जैसा कोई नहीं,
सब कुछ तो मिल जाता है माँ के जैसा प्यार नहीं,
संदीप करे है प्रचार अब समझ ले प्यारे,
माँ बाप ने अपनी कमाई............