रामा राज कुँवर थाकि खम्मा खम्मा गावा ह॥
थाके नित नित शीश झुकाव ह।
म्हारा रामा धनी थेन खम्मा घनी भक्ता पर मेहर करो
द्वारे मैं आया हा आरज़ी या लाया हा महका सिर पर हाथ धरो
रामसा म्हारा म्हणे दो जहाँ सु प्यारो ॥
म्हारा जीने का सहारा हो
मरुधर में धाम बनियो पजरंग पेजा धरि थको रूप सुहावे है
जद भी देखु थाने म्हरो मनड़ो गावे है तंदुरारा तार बजे
हाजरा हुजूर थाने हिन्दू मुसलमा धयावे है ॥
जो धयावे परजो पावे है
थको हरजी चावर कर्रे डाली जस गावे है भक्त थारो ध्यान धरे
सुर सरगम सु बाबा थाने रिजवा हा निलेश थको ध्यान धरे
रामसा म्हारा म्हरो बेड़ो पर लगाओ सा॥
म्हणे रूणिचा बुलवाओ सा
रामा राज कुँवर थाकि खम्मा खम्मा गवा हा