मेरे जलाराम वीरपुर वाले,
किस जगा तेरा जलवा नहीं है॥
आँखों वालो ने तुझको है देखा,
कानो वालो ने तुझको सूना है,
आँखों वालो ने तुझको पहचाना,
जिनकी आँखों पर परदा नहीं है
मेरे जलाराम वीरपुर वाले...
नाम लेता हूं सांझ सवेरे मेरे काटो चौरासी के फेरे,
हम तो आए है चरणो में तेरे, ओर कोई सहारा नहीं है,
मेरे जलाराम वीरपुर वाले...
लोग पीते है पिकर गिरते हैं, हम तो पीते हैं गिरते नहीं हैं,
हम तो पिते है सत्संग का प्याला ये अंगूर का शरबत नहीं है,
मेरे जलाराम वीरपुर वाले...
सारे जहां का पुण्य मिलेगा, उसके दरपे जो शीश झुकेगा,
हम तो पिते है भक्ति का प्याला हर किसि को ये मिलता नहीं है,
मेरे जलाराम वीरपुर वाले...
जलारामा कि शरण मे जो आए, मुह मांगी मुरादे वो पाए,
हमतो आए है शरणो में तेरे, ओर कोई ठिकाना नहीं,
मेरे जलाराम वीरपुर वाले...