मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ,
मैं तो हर रोज़ हरि गुण गाया करूँ
गुण गाया करूँ हरि को ध्याया करूँ,
हाँ रिझाया करूँ....
मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ॥
मुझे प्रभु के दर्शन की अभिलाषा है,
यही आशा है बस यही आशा है,
हरि दर्शन बिना ये जीवन ही क्या,
ऎसा गाया करूँ..
मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ॥
तुझे सिर्फ देखे ये मेरे नयन,
करना पड़े चाहे जितने जो भो यतन,
तुझे पाके रहेंगे या मर जायेंगे,
ये सुनाया करूँ..
मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ॥
मुझे तुझपे पूरा यकीं है प्रभु,
मिलेगा मुझे तूँ कभी ना कभी,
तू मिलेगा जहां ‘राजेंद्र’ जाये वहां,
गुनगुनाया करूँ..
मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ,
गुण गाया करूँ हरि को ध्याया करूँ,
हाँ रिझाया करूँ....
मैं तो हर रोज़ प्रभु गुण गाया करूँ.......