श्री जी का अभिषेक करे हम नेक,
शुद्ध जल द्वारा धूल जाए पाप हमारा ॥ टेक ॥
श्री जी अनंत गुण वाले है, परम शुद्ध तन वाले है,
इनके चरणों में वंदन कर शत् वारा,
फिर करें शुद्ध जल धारा ॥ श्री जी का… ॥
सुर इन्द्रलोक भी स्वर्गो में, अभिषेक करे नित भवनों में,
है पूज्य अकृत्रिम बिम्ब सकल सुर द्वारा,
स्वर्गो में भी सुखकारा ॥ श्री जी का… ॥
त्रय अष्टाह्निक के पर्वो में, श्री नंदीश्वर के भवनों में,
सुरपति भी जाते लेकर सब परिवारा,
अभिषेक करे हरबारा ॥ श्री जी का… ॥
श्री जी पर जल जो ढारत है, वह गंधोदक सुख कारक है,
मैना सुन्दरी ने गंधोदक के द्वारा,
किया क्षण में कोढ़ निवारा ॥ श्री जी का… ॥
गंगा की धारा पर्वत से, गिरती है श्री जी के शिर पे,
इसी लिए तो जग में जन-जन द्वारा,
पूजित है गंगा धारा ॥ श्री जी का… ॥
सुर गणधर जिन्हें न छू पाये, हम आज इन्हें है छू पाते,
यह धन्य घडी मिल जाये बारंबार,
यह भाव भाव कर धारा ॥ श्री जी का… ॥
सुख शान्ति अगर तुम चाहो तो झट धोती पहन कर आओ तो,
कर एक बार तो प्रभु की शान्ति धारा,
बने जीवन उत्तम सारा ॥ श्री जी का… ॥