मेरे दोनों हाथों में ऐसी लकीर है,
तुझसे मिलन होगा मेरी तक़दीर है,
लिखा है ऐसा लेख ओ बाबा लिखा है ऐसा लेख ॥
लिखता है लिखने वाला सोच समझ के,
मिलना बिछड़ना बाबा होता समय पे,
इसमें मीन ना मेख ओ बाबा इसमें मीन ना मेख,
लिखा है ऐसा लेख ओ बाबा लिखा है ऐसा लेख
मेरे दोनों हाथों में......
किस्मत का लेख कोई मिटा नहीं पायेगा,
कैसे मिलन होगा समय ही बताएगा,
मिटती नहीं है रेख ओ बाबा मिटती नहीं है रेख,
मेरे दोनों हाथों में......
ना वो दिन रहे ना ये दिन रहेंगे,
बनवारी देख लेना जल्द ही मिलेंगे,
इन हाथों को देख ओ बाबा इन हाथों को देख,
लिखा है ऐसा लेख ओ बाबा लिखा है ऐसा लेख,
मेरे दोनों हाथों में.....