मैं आया जी श्याम थारे दर पे सवाली
दर पे सवाली बाबा दर पे सवाली जी
लौटा जो न म्हाने खाली
मैं आया जी श्याम थारे दर पे सवाली ...
सबर को बाँध यो छुटो जावे
डर लागे म्हारी लाज न जावे
हासेगा लोगडा दे ताली
मैं आया जी श्याम थारे दर पे सवाली ...
मैं नर निर्बल थे नारायण करुना निधि ये शोक न सावन
करदो न म्हारी श्याम रुखाली
मैं आया जी श्याम थारे दर पे सवाली
कलयुग यो मतलब को डेरो गोलू सुनो कस श्याम ही तेरो
हिवडे में थारी ज्योत जगा ली
मैं आया जी श्याम थारे दर पे सवाली