सबसे अलग है सबसे खरी है,
बड़ी रुतबे वाली तेरी नौकरी है
कहते है वो जिसने सेवा करि है
बड़ी रुतबे वाली तेरी नौकरी है
आधे अधूरे थे मेरे सपने,
मुख मोड़ कर बैठे थे मेरे अपने,
जब से मिली श्याम तेरी चाकरी है,
बड़ी रुतबे वाली तेरी नौकरी है
जब जब मैंने हाथ फैलाया,
खाली नहीं श्याम तुमने लौटाया,
जब जब पसारी झोली भरी है
बड़ी रुतबे वाली तेरी नौकरी है
ऐसा अनोखा मालिक है पाया,
सेवक का जिसने मान बढ़ाया ,
अगले जन्म की रोमी अर्जी धरी है,
बड़ी रुतबे वाली तेरी नौकरी है