चौधरी श्याम धणी के चाल, मेरे वहां जाकर झाड़ा लागे,
जाटणी कहती बात कमाल, खाटू में जाकर किस्मत जागे,
जाटणी कहती बात कमाल.......
वहां बैठा मदन मुरारी, दे काँट सभी बीमारी,
बाबा का दर्शन करके, इच्छा हो पूर्ण सारी,
जल्दी ते करले तैयारी, ले बना चूरमा प्यारी,
रींगस का टिकट कटावे, म्हारी देखे बाँट बिहारी,
करे वो….
करे वो पूरे सभी सवाल, भरे सब पानी उसके आगे,
चौधरी श्याम धणी के चाल……
ना उसका कोई सानी, दे सबकी बदल कहानी
चाहे ढूंढो सारे जग में, उस जैसा ना कोई दानी
यह बात सभी ने मानी , भजे श्याम धणी ने ज्ञानी
तो हो उसका दीवाना, मैं भी हो गई दीवानी,
वो काटे……
वो काटे भूत प्रेत का जाल, मोर छड़ी लगते ही दुख भागे,
जाटणी कहती बात कमाल.......
रींगस ते पैदल जावे, बाबा की ध्वजा चढ़ावे,
सिलक सी पड़ जा गत में, जब श्याम कुंड में नहावे,
श्री श्याम का दर्शन पावे, बाबा की ज्योत जगावे,
हम सांवरिया के आगे जोड़े ते शीश झुकावे,
रहे ना…
रहे ना उसका बिगड़ा हाल, बुराई ने जो दिल ते त्यागे,
चौधरी श्याम धणी के चाल……
हम बनके जाये सवाली, म्हारी झोली रहे ना खाली,
आवे खुशियाँ जीवन में, हो दूर सभी कंगाली,
बाबा ते लगन लगाली, मैं तेरे पीछे चाली,
भूलन जहाँ करे कीर्तन, हम खूब बजावे ताली,
करे ना…
करे ना भजन करण की टाल, रहे सदा श्याम धणी हमारे सागे,
जाटणी कहती बात कमाल.......
चौधरी श्याम धणी के चाल……