हाथों में ले श्याम ध्वजा,और मन में लेके आस,
हम चल दिए खाटू श्याम धाम अब पूरी होगी आस,
मने दुनिया से अब क्या लेना रख रहमो कर्मो बस तू,
मने बचपन से यो सुनिया से हारे का सहारा तू,
तेरी मेरी प्रीत पुरानी शक की न गुंजाइश है,
रखना हमेशा चरणों में बस इतनी सी फमाइश है,
जब जब हु बाबा मैं हारा बना सहारा तू,
मने बचपन से यो सुनिया से हारे का सहारा तू,
मत गबराना विपता से श्याम दीवानों घड़ी घड़ी,
तुझपे आने से पेहले विपता को हर ले मोर छड़ी,
रख बाबा पे विश्वाश अटल बदले गी किस्मत यु,
मने बचपन से यो सुनिया से हारे का सहारा तू,
मोर छड़ी और काली कमली होठो पे मुश्कान है,
बिन मांगे भर देता झोली एसा मेरा श्याम है,
सोनी को सुना करदे तू मेरा तो खजाना तू,
मने बचपन से यो सुनिया से हारे का सहारा तू,