मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे,
तेरे दर्शन का प्यासा कब दर्श दिखाओ गे,
मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे,
तेरी महिमा के चर्चे मैंने खूब सुने सब से,
तेरे दर पे आने को हम तरस रहे कब से,
तुम इतना बता दो हम को क्या यही तरसाओ गे,
मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे,
तुम भगतो से बाबा बड़ा प्रेम करते हो,
जो आते दर तेरे उनकी सब सुनते हो,
बस इतना ही पूछ रहा हु कब तक अजमाओ गे,
मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे,
रूबी रिधम की विनती पे कुछ गौर करो सरकार,
हम तेरे प्रेमी है क्यों करते हो इंकार,
इतना भरोसा हम को तुम पार लगाओ गे,
मैंने पूछा श्याम धनि से कब दर पे भुलाओ गे,